जल पट्टी | मुंबई: राज्य सरकार ने खेती के लिए आवश्यक सिंचाई जल की दरों में लगभग दस गुना वृद्धि कर दी है। इस फैसले से राज्य में किसान अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. नई दर के अनुसार बागवानी फसलों के लिए जल पट्टी 5443 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगी। खरीफ और रबी फसलों के लिए समान कीमत क्रमशः 1890 रुपये और 3780 रुपये होगी।
किसानों पर वित्तीय बोझ:
इस मूल्य वृद्धि से किसानों पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ने वाला है. खासकर छोटे और मझोले किसानों पर भारी मार पड़ेगी. कई किसानों को डर है कि वे अब खेती करने में सक्षम नहीं होंगे।
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बारहमासी फसलों पर प्रभाव:
राज्य में गन्ना और केला सहित कई बारहमासी फसलें उगाई जाती हैं। इस नई मूल्य वृद्धि से इन फसलों के उत्पादन और लागत पर असर पड़ने की संभावना है। इसका असर उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता है.
किसानों का विरोध:
राज्य के कई किसान संगठनों ने इस मूल्य वृद्धि का कड़ा विरोध किया है. किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करने की मांग की जा रही है.
राज्य की वित्तीय स्थिति:
राज्य की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है. सरकार को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए नये रास्ते खोजने होंगे. हालांकि, कई लोगों की राय है कि किसानों पर टैक्स का बोझ बढ़ाना सही तरीका नहीं है.
किसानों के लिए वैकल्पिक समाधान:
राज्य को किसानों के लिए पानी की खपत पर सब्सिडी देने पर विचार करना चाहिए। साथ ही, जल बचत प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम होगा।