चेतावनी | महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सोयाबीन, कपास, सब्जियों और विभिन्न बगीचों में घोंघे का प्रकोप अधिक होता है। अंकुरण अवस्था में घोंघा हमला करता है और फसलों को भारी नुकसान पहुँचाता है। इसलिए किसानों को तुरंत कार्रवाई करना जरूरी है.
घोंघे की पहचान:
- यह एक रात्रिचर बच्चा है, जो रात में सक्रिय रहता है।
- यह पत्तियों सहित पूरे पौधे को खा जाता है।
- एक खोल के साथ नरम, चबाने योग्य शरीर।
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नियंत्रण के उपाय:
- खेत की बाड़ को साफ रखें: घोंघों के छिपने के स्थानों से बचें।
- घोंघे इकट्ठा करें: शाम या सुबह घोंघे इकट्ठा करें और उन्हें साबुन के पानी में डुबो कर मार दें।
- नमक-चूना विधि: बड़े घोंघों को एक प्लास्टिक बैग में रखें और सूखे नमक/चूने से सील कर दें। नमक/चूने के संपर्क में आने पर घोंघे मर जायेंगे।
- चारा विधि: घास/सब्जी के अवशेषों का ढेर बनाकर गुड़ के पानी में भिगोकर रखें। घोंघे आश्रय के लिए आएंगे और सूर्योदय के बाद उन्हें नष्ट कर देंगे।
- छोटे घोंघों के लिए: नमक स्प्रे या कैल्शियम क्लोराइड का उपयोग करें।
- तम्बाकू/चूने का बांध: खेत के चारों ओर 5 सेमी. तम्बाकू पाउडर/चूने की एक चौड़ी पट्टी डालें।
- पेड़ों पर बोर्डो पेस्ट: पेड़ के तने पर 10% बोर्डो पेस्ट लगाने से घोंघे पेड़ पर नहीं चढ़ पाते।
- मेटलडिहाइड (स्नेलकिल): घोंघा नाशक का प्रयोग करें।
- सोयाबीन/कपास: 2 किलो प्रति एकड़
- बाग: 100 ग्राम प्रति पेड़
- पपीता/गेंदा के लिए: पीले पपीते के पत्तों के पास मेटलडिहाइड की गोलियां रखें।
- घर का बना चारा:
- 10 लीटर पानी, 2 किलो गुड़ और 25 ग्राम खमीर का मिश्रण बना लें.
- 50 किलो गेहूं/चावल की भूसी के साथ मिलाएं और 10-12 घंटे तक किण्वित करें।
- 50 ग्राम थियामिथोक्सम मिलाएं।
- तटबंध के किनारे ढेर में या पट्टी में ढालें।
सावधानी:
- उपरोक्त उपाय करते समय प्लास्टिक के दस्ताने पहनें।
- बच्चों और जानवरों को चारे से दूर रखें।
संयुक्त प्रयास:
यदि किसान एकजुट होकर सामूहिक उपाय करें तो घोंघा नियंत्रण अधिक प्रभावी होगा।