मौसम विभाग ने चक्रवात रेमल की भविष्यवाणी की थी. इसके मुताबिक इसकी तीव्रता को लेकर चेतावनी भी दी गई थी. 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए चक्रवात थानसूर ने बांग्लादेश और प. यह आधी रात के बाद बंगाल तट से टकराया।
बताया जा रहा है कि रविवार आधी रात के बाद आए तूफान से भारी नुकसान हुआ है। इस चक्रवात के कहर से बांग्लादेश में सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं. समझा जाता है कि करीब 10 लोग मारे गये हैं. तूफान के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी है.
बताया गया है कि डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं. तूफ़ान का रास्ता ऐसा था कि 15,000 पेड़ उखड़ गए और घरों को भारी नुकसान पहुंचा. हवाई और रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.
सोमवार सुबह 'रेमल' कमजोर हो गया है और बांग्लादेश के कई हिस्से इस तेज हवाओं और भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं. रेमल से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ग्रामीण विद्युत प्राधिकरण ने तटीय क्षेत्रों में 1.5 लाख लोगों की बिजली काट दी।
'रेमल' नामक कहानी –
ओमान ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवात के लिए 'रेमल' नाम सुझाया, जिसका अरबी में अर्थ 'रेत' होता है।
तूफान के बाद मानसून की अगली दिशा तय होगी
तूफान प्रणाली के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून (मानसून) ने अपनी गति बरकरार रखी है। रविवार (26 मई) को मॉनसून मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी पर आगे बढ़ा। तूफान सिस्टम साफ होने के बाद मॉनसून की आगे की गति की दिशा तय होगी. इसमें मौसम विभाग ने 31 मई तक केरल में मानसून के प्रवेश की संभावना जताई है.