महंगाई की मार मुंबई: देश में गेहूं की कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है. इससे आने वाले त्योहारी सीजन में आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है. पिछले कुछ महीनों में गेहूं की कीमतें 24,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर 28,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गई हैं। गेहूं के दाम बढ़ने से आम लोगों पर भारी मार पड़ रही है.
क्यों बढ़े गेहूं के दाम?
- सरकारी स्टॉक की कमी: सरकार द्वारा अपने स्टॉक से गेहूं बेचने में देरी के कारण बाजार में आपूर्ति कम हो गई है।
- बढ़ती मांग: त्योहारी सीजन में गेहूं की मांग सामान्य से अधिक रहती है।
- आयात शुल्क: गेहूं पर आयात शुल्क बढ़ने से आयात में कमी आई
किसानों की स्थिति:
इस साल गेहूं की खरीद सरकारी अनुमान 112 मिलियन मीट्रिक टन से 6.25 फीसदी कम है.
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सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
किसानों के लिए क्या हैं विकल्प?
- जैविक कपास की खेती: सुरक्षा कपास रोग प्रतिरोधी और अच्छी उपज के लिए उपयुक्त फसल है।
- डेयरी: किसान देशी गाय पालकर और डेयरी करके अच्छी आय कमा सकते हैं।
कब घटेंगे गेहूं के दाम?
गेहूं की कीमतें तभी कम होने की संभावना है जब सरकार अपने स्टॉक से गेहूं बेचना शुरू करेगी और आयात शुल्क कम करेगी।
आम जनता के लिए क्या समाधान हैं?
- बदलती जीवनशैली : गेहूं की जगह दूसरे अनाजों का प्रयोग।
- बजट बनाना: लागत को नियंत्रण में रखना।
- सरकार से मांग : इस संबंध में सरकार पर दबाव बनायें.