नमस्ते कृषि ऑनलाइन: ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान ग्रामीण समुदायों, विशेषकर किसानों को जलवायु परिवर्तन की स्थिति में प्राकृतिक आपदाओं और टिकाऊ कृषि के लिए तैयार होने के लिए सशक्त बनाने के लिए नवीनतम मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है।
इस पृष्ठभूमि में, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर), भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के सहयोग से, 24 अक्टूबर 2024 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ग्राम पंचायत स्तर पर एक मौसम पूर्वानुमान लॉन्च किया गया था। आ रहा है परियोजना का लक्ष्य देश में ग्राम पंचायतों को 5 दिन की दैनिक और प्रति घंटे मौसम की अपडेट देना, उन्हें पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए तैयार करना और ग्रामीण समुदायों, विशेषकर किसानों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।
इसके साथ, पहली बार, ग्राम पंचायतों को आईएमडी के विस्तारित सेंसर नेटवर्क द्वारा सक्षम हाइपर-स्थानीय मौसम पूर्वानुमान प्राप्त होंगे।
मौसम का डेटा (ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान) पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से उपलब्ध होगा। इनमें ई-ग्रामस्वराज, मेरी पंचायत ऐप और ग्राम मंच शामिल होंगे। विकास योजना के लिए उपयोग किया जाने वाला एक भू-स्थानिक उपकरण ग्रामीण प्रशासन में उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके कृषि और प्राकृतिक आपदा तैयारियों में सूचित निर्णय लेने में मदद करेगा।
कार्यक्रम के शुभारंभ में पंचायत राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे; विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह; प्रो एस। पी। सिंह बघेल, पंचायत राज राज्य मंत्री; और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कई अन्य उच्च पदस्थ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम के साथ “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान” नामक एक प्रशिक्षण कार्यशाला भी होगी, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायती राज संस्थानों के अधिकारियों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे। कार्यशाला का उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों को मौसम पूर्वानुमानों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक उपकरणों और ज्ञान से लैस करना है। यह प्रशिक्षण ग्रामीण समुदायों को कृषि, आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के विकास पर सूचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाएगा।
स्थानीय जलवायु संबंधी जानकारी की उपलब्धता किसानों को रोपण, सिंचाई और कटाई के संबंध में सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी, जिससे अंततः अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। यह पहल पंचायतों को चक्रवात और भारी बारिश (ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान) जैसी चरम मौसम की घटनाओं पर वास्तविक समय अलर्ट प्रदान करके फसलों, संपत्ति और मानव जीवन की रक्षा के लिए तत्काल सुरक्षात्मक कार्रवाई करने में सक्षम बनाएगी।
यह पहल जलवायु अनुकूल गाँव बनाने और जमीनी स्तर पर ग्रामीण प्रशासन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।